Powered By Blogger

Tuesday 21 January 2014

प्रशांत महासागर के द्वीपीय देश पलाऊ

पलाऊ

प्रशांत महासागर के द्वीपीय देश पलाऊ की सरकार ने तिरुपति बालाजी की वैश्विक प्रसिद्धि को देखते हुए भगवान वेंकटेश्वर पर सिक्के जारी करने का फैसला लिया है। पलाऊ एक बहुदलीय लोकतांत्रिक गणराज्य है, जिसकी राजधानी गेरुल्मुड है। भौगोलिक दृष्टि से यह माइक्रोनेशिया द्वीप समूह का हिस्सा है, जहां की आबादी करीब 21,000 है। करीब तीन हजार वर्ष पूर्व फिलीपींस के प्रवासियों से यह देश आबाद हुआ था। पहली बार 18वीं शताब्दी में इस द्वीप पर यूरोपीय लोग पहुंचे थे। 

1947 में यह अमेरिका द्वारा प्रशासित ट्रस्ट टेरिटरी ऑफ पेसिफिक आइलैंड्स का हिस्सा बन गया, लेकिन माइक्रोनेशिया के साथ संघबद्ध होने से मना करने के बाद यह 1994 में अमेरिका से संबद्ध पूर्ण संप्रभुता वाला देश बन गया। इस कारण अमेरिका इसे रक्षा, वित्त एवं सामाजिक सेवाओं में सहयोग करता है। पलाऊ में राष्ट्रपति ही राष्ट्र एवं सरकार, दोनों का प्रमुख होता है।

 कार्यकारी शक्तियां सरकार के पास हैं, जबकि विधायी शक्तियां सरकार एवं संसद, दोनों के पास हैं। वहां न्यायपालिका कार्यपालिका एवं व्यवस्थापिका से स्वतंत्र है। पलाऊ की अर्थव्यवस्था मूलतः पर्यटन, कृषि एवं मछलियों के शिकार पर टिकी है, हालांकि सकल राष्ट्रीय उत्पाद का एक बड़ा हिस्सा विदेशी सहयता से आता है। यहां की संस्कृति पर जापान, माइक्रोनेशिया एवं मेलेनिशिया की छाप स्पष्ट देखी जा सकती है। 

पलाऊ की सामाजिक व्यवस्था मातृवंशीय है, जिसका प्रभाव उसके हरेक रस्म-रिवाजों पर दिखता है। वहां के लोग अपनी परंपराओं का बहुत सम्मान करते हैं। पलाऊ दुनिया का पहला देश है, जिसने 1981 में परमाणु मुक्त संविधान अपनाया था। वहां रासायनिक, जैविक एवं परमाणु हथियारों के प्रयोग, भंडारण एवं बिक्री पर प्रतिबंध है।

No comments:

Post a Comment