यूरोमैदान
इन दिनों यूरोमैदान नाम का एक शब्द सुर्खियों में है, जिसका संबंध पूर्वी यूरोप में स्थित देश यूक्रेन से है। यह देश इन दिनों भयंकर विरोध-प्रदर्शनों एवं हिंसा की चपेट में है। राजधानी कीव के इलाके में हो रहे इन प्रदर्शनों को यूरो-मैदान नाम दिया गया है।
पूर्व एवं पश्चिम के भाषाई संयोग से बने इस शब्द पहला हिस्सा ′यूरो′ का मतलब है यूरोप, लेकिन दूसरा हिस्सा ′मैदान′ फारसी भाषा का शब्द है, जिसका अर्थ होता है खुली जगह। संभवतः यह शब्द ओट्टोमन से होते हुए यूक्रेन पहुंचा है। यूरोमैदान का संदर्भ कीव के प्रमुख इंडिपेंडेस स्क्वायर से है, जिसे द्वितीय विश्वयुद्ध की तबाही के बाद आठ एकड़ में स्टालिन युग में फिर से सार्वजनिक स्थल के रूप में तैयार किया गया था।
यह चौराहा 2004 के ऑरेंज रिवोल्यूशन के दौरान भी सुर्खियों में था। करीब 6,03,628 वर्ग किलोमीटर में फैला यूक्रेन यूरोप का सबसे बड़ा देश है, जहां सरकार विरोधी यह प्रदर्शन पिछले वर्ष नवंबर में तब शुरू हुआ, जब राष्ट्रपति ने यूरोपीय संघ में शामिल होने वाले समझौते को मानने से इन्कार कर दिया। इस समझौते के लिए वर्षों से प्रयास हो रहे थे।
पर इस प्रदर्शन ने हिंसक रूप तब ले लिया, जब इस वर्ष 22 जनवरी को विरोध प्रदर्शनों पर अंकुश लगाने के लिए सरकार ने सख्त कानून लागू कर दिया। घोड़ों को सबसे पहले पालतू बनाने वाले इस देश के राष्ट्रपति विक्टर यानुकोविच ने सरकार विरोधी प्रदर्शन को खत्म कराने के लिए विपक्षी नेताओं को प्रधानमंत्री पद की भी पेशकश की, लेकिन प्रदर्शनकारियों ने उसे ठुकरा दिया और राष्ट्रपति के इस्तीफे की मांग कर रहे हैं। यूक्रेन सोवियत गणराज्य से 24 अगस्त, 1991 को स्वतंत्र हुआ। 4.6 करोड़ लोगों का यह देश लंबे समय तक दुनिया के लिए खाद्यान्न का कटोरा रहा है।
No comments:
Post a Comment