पृथ्वी की अंतिम कक्षा में पहुंचा मंगलयान
चेन्नई। भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (इसरो) ने बीती रात मंगलयान के कक्षा में परिवर्तन की अंतिम और पांचवी प्रक्रिया सफलतापूर्वक पूरी कर ली। इसके साथ ही धरती से अब मंगलयान की अधिकतम दूरी 1.92 हजार किमी से अधिक हो गई है।
इसरो ने कहा कि रात 1.27 बजे 243.5 सेकेंड की बर्न टाइम में मंगलयान की कक्षा में बदलाव की प्रक्रिया पूरी की गई। इससे अब धरती से मंगलयान की अधिकतम दूरी 1,18,642 किमी से बढ़कर 1,92,874 किमी हो गई है। धरती की एक कक्षा से दूसरी कक्षा में मंगलयान को पहुंचाने के लिए इसरो ने पांच बार इस प्रक्रिया को अंजाम दिया है। कक्षा परिवर्तन की चौथी प्रक्रिया में गड़बड़ी के कारण इसरो को एक पूरक प्रक्रिया भी करनी पडी थी।
इन कक्षा परिवर्तन की प्रक्रिया को सफलतापूर्वक पूरा कर लिए जाने के बाद अब मंगलयान को 30 नवंबर और एक दिसंबर की रात 12.42 बजे मंगल के सफर पर रवाना किया जाएगा, जो अब तक की सबसे जटिल प्रक्रिया होगी। इसके बाद करीब 10 महीने के सफर के बाद यान 24 सितंबर 2014 को मंगल की कक्षा में पहुंचेगा। इसरो ने पांच नवंबर को अपने पीएसएलवी सी25 रॉकेट के जरिए मंगलयान को प्रक्षेपित किया था। एजेंसी
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