बियॉन्ड बॉलीवुड
वाशिंगटन डीसी स्थित नेशनल म्यूजियम ऑफ नेचुरल हिस्ट्री इन दिनों सुर्खियों में है, क्योंकि वहां भारतीय मूल के अमेरिकियों के लंबे प्रवास के इतिहास, उनके धार्मिक एवं अध्यात्मिक प्रभाव एवं शिक्षा, विज्ञान एवं खेल के क्षेत्र में उपलब्धियों को रेखांकित करने के लिए ′बियॉन्ड बॉलीवुडः इंडियन अमेरिकन शेप द नेशन′ नामक एक प्रदर्शनी आयोजित की गई है।
यह प्रदर्शनी 16 अगस्त, 2015 तक जारी रहेगी। इस प्रदर्शनी में यह दिखाने की कोशिश की गई है कि अमेरिका को बनाने में प्रवासी भारतीयों का क्या योगदान रहा है। माना जाता है कि पहली बार 1790 में भारतीय प्रवासी अमेरिका गए थे, जिन्होंने अमेरिका की पहली रेल लाइन के निर्माण एवं खेती में योगदान किया था
और जब एशिया से आने वाले लोगों के प्रवास को वहां हतोत्साहित किया जाने लगा, तो उन्होंने अमेरिकी नागरिकता के लिए संघर्ष भी किया। तबसे लेकर हॉटमेल के निर्माण तक प्रवासी भारतीय अमेरिकियों के योगदान की अनगिनत कहानियों को इस प्रदर्शनी का हिस्सा बनाया गया है।
शिक्षा, चिकित्सा, मनोरंजन, खेल, फैशन डिजाइनिंग आदि तमाम क्षेत्रों में प्रवासी भारतीयों ने अमेरिका का नाम रोशन किया है। इस प्रदर्शनी में सुपर बाउल जीतने वाले पहले भारतीय अमेरिकी का फुटबॉल हेलमेट, भारतीय अमेरिकी डिजाइनर नईम खान द्वारा तैयार की गई मिशेल ओबामा की ड्रेस, जिमनास्ट मोहिनी भारद्वाज द्वारा एथेंस में जीते गए सिल्वर ओलंपिक मेडल, 1985 में बालू नटराजन द्वारा जीती गई
पहली स्पेलिंग बी ट्राफी, 1957 में पहली बार जीतकर अमेरिकी संसद में पहुंचे सांसद दलीप सिंह सौंद की प्रचार सामग्री के साथ-साथ नामचीन भारतीय अमेरिकियों की पारिवारिक तस्वीरों आदि को प्रदर्शित किया गया है।
वाशिंगटन डीसी स्थित नेशनल म्यूजियम ऑफ नेचुरल हिस्ट्री इन दिनों सुर्खियों में है, क्योंकि वहां भारतीय मूल के अमेरिकियों के लंबे प्रवास के इतिहास, उनके धार्मिक एवं अध्यात्मिक प्रभाव एवं शिक्षा, विज्ञान एवं खेल के क्षेत्र में उपलब्धियों को रेखांकित करने के लिए ′बियॉन्ड बॉलीवुडः इंडियन अमेरिकन शेप द नेशन′ नामक एक प्रदर्शनी आयोजित की गई है।
यह प्रदर्शनी 16 अगस्त, 2015 तक जारी रहेगी। इस प्रदर्शनी में यह दिखाने की कोशिश की गई है कि अमेरिका को बनाने में प्रवासी भारतीयों का क्या योगदान रहा है। माना जाता है कि पहली बार 1790 में भारतीय प्रवासी अमेरिका गए थे, जिन्होंने अमेरिका की पहली रेल लाइन के निर्माण एवं खेती में योगदान किया था
और जब एशिया से आने वाले लोगों के प्रवास को वहां हतोत्साहित किया जाने लगा, तो उन्होंने अमेरिकी नागरिकता के लिए संघर्ष भी किया। तबसे लेकर हॉटमेल के निर्माण तक प्रवासी भारतीय अमेरिकियों के योगदान की अनगिनत कहानियों को इस प्रदर्शनी का हिस्सा बनाया गया है।
शिक्षा, चिकित्सा, मनोरंजन, खेल, फैशन डिजाइनिंग आदि तमाम क्षेत्रों में प्रवासी भारतीयों ने अमेरिका का नाम रोशन किया है। इस प्रदर्शनी में सुपर बाउल जीतने वाले पहले भारतीय अमेरिकी का फुटबॉल हेलमेट, भारतीय अमेरिकी डिजाइनर नईम खान द्वारा तैयार की गई मिशेल ओबामा की ड्रेस, जिमनास्ट मोहिनी भारद्वाज द्वारा एथेंस में जीते गए सिल्वर ओलंपिक मेडल, 1985 में बालू नटराजन द्वारा जीती गई
पहली स्पेलिंग बी ट्राफी, 1957 में पहली बार जीतकर अमेरिकी संसद में पहुंचे सांसद दलीप सिंह सौंद की प्रचार सामग्री के साथ-साथ नामचीन भारतीय अमेरिकियों की पारिवारिक तस्वीरों आदि को प्रदर्शित किया गया है।
वाशिंगटन डीसी स्थित नेशनल म्यूजियम ऑफ नेचुरल हिस्ट्री इन दिनों सुर्खियों में है, क्योंकि वहां भारतीय मूल के अमेरिकियों के लंबे प्रवास के इतिहास, उनके धार्मिक एवं अध्यात्मिक प्रभाव एवं शिक्षा, विज्ञान एवं खेल के क्षेत्र में उपलब्धियों को रेखांकित करने के लिए ′बियॉन्ड बॉलीवुडः इंडियन अमेरिकन शेप द नेशन′ नामक एक प्रदर्शनी आयोजित की गई है।
यह प्रदर्शनी 16 अगस्त, 2015 तक जारी रहेगी। इस प्रदर्शनी में यह दिखाने की कोशिश की गई है कि अमेरिका को बनाने में प्रवासी भारतीयों का क्या योगदान रहा है। माना जाता है कि पहली बार 1790 में भारतीय प्रवासी अमेरिका गए थे, जिन्होंने अमेरिका की पहली रेल लाइन के निर्माण एवं खेती में योगदान किया था
और जब एशिया से आने वाले लोगों के प्रवास को वहां हतोत्साहित किया जाने लगा, तो उन्होंने अमेरिकी नागरिकता के लिए संघर्ष भी किया। तबसे लेकर हॉटमेल के निर्माण तक प्रवासी भारतीय अमेरिकियों के योगदान की अनगिनत कहानियों को इस प्रदर्शनी का हिस्सा बनाया गया है।
शिक्षा, चिकित्सा, मनोरंजन, खेल, फैशन डिजाइनिंग आदि तमाम क्षेत्रों में प्रवासी भारतीयों ने अमेरिका का नाम रोशन किया है। इस प्रदर्शनी में सुपर बाउल जीतने वाले पहले भारतीय अमेरिकी का फुटबॉल हेलमेट, भारतीय अमेरिकी डिजाइनर नईम खान द्वारा तैयार की गई मिशेल ओबामा की ड्रेस, जिमनास्ट मोहिनी भारद्वाज द्वारा एथेंस में जीते गए सिल्वर ओलंपिक मेडल, 1985 में बालू नटराजन द्वारा जीती गई
पहली स्पेलिंग बी ट्राफी, 1957 में पहली बार जीतकर अमेरिकी संसद में पहुंचे सांसद दलीप सिंह सौंद की प्रचार सामग्री के साथ-साथ नामचीन भारतीय अमेरिकियों की पारिवारिक तस्वीरों आदि को प्रदर्शित किया गया है।
वाशिंगटन डीसी स्थित नेशनल म्यूजियम ऑफ नेचुरल हिस्ट्री इन दिनों सुर्खियों में है, क्योंकि वहां भारतीय मूल के अमेरिकियों के लंबे प्रवास के इतिहास, उनके धार्मिक एवं अध्यात्मिक प्रभाव एवं शिक्षा, विज्ञान एवं खेल के क्षेत्र में उपलब्धियों को रेखांकित करने के लिए ′बियॉन्ड बॉलीवुडः इंडियन अमेरिकन शेप द नेशन′ नामक एक प्रदर्शनी आयोजित की गई है।
यह प्रदर्शनी 16 अगस्त, 2015 तक जारी रहेगी। इस प्रदर्शनी में यह दिखाने की कोशिश की गई है कि अमेरिका को बनाने में प्रवासी भारतीयों का क्या योगदान रहा है। माना जाता है कि पहली बार 1790 में भारतीय प्रवासी अमेरिका गए थे, जिन्होंने अमेरिका की पहली रेल लाइन के निर्माण एवं खेती में योगदान किया था
और जब एशिया से आने वाले लोगों के प्रवास को वहां हतोत्साहित किया जाने लगा, तो उन्होंने अमेरिकी नागरिकता के लिए संघर्ष भी किया। तबसे लेकर हॉटमेल के निर्माण तक प्रवासी भारतीय अमेरिकियों के योगदान की अनगिनत कहानियों को इस प्रदर्शनी का हिस्सा बनाया गया है।
शिक्षा, चिकित्सा, मनोरंजन, खेल, फैशन डिजाइनिंग आदि तमाम क्षेत्रों में प्रवासी भारतीयों ने अमेरिका का नाम रोशन किया है। इस प्रदर्शनी में सुपर बाउल जीतने वाले पहले भारतीय अमेरिकी का फुटबॉल हेलमेट, भारतीय अमेरिकी डिजाइनर नईम खान द्वारा तैयार की गई मिशेल ओबामा की ड्रेस, जिमनास्ट मोहिनी भारद्वाज द्वारा एथेंस में जीते गए सिल्वर ओलंपिक मेडल, 1985 में बालू नटराजन द्वारा जीती गई
पहली स्पेलिंग बी ट्राफी, 1957 में पहली बार जीतकर अमेरिकी संसद में पहुंचे सांसद दलीप सिंह सौंद की प्रचार सामग्री के साथ-साथ नामचीन भारतीय अमेरिकियों की पारिवारिक तस्वीरों आदि को प्रदर्शित किया गया है।