फुटलाइट्स
मशहूर हास्य कलाकार चार्ली चैप्लिन का अब तक अज्ञात लघु उपन्यास फूटलाइट्स शीघ्र ही पाठकों के हाथों में आने वाला है। इस उपन्यास की कथावस्तु वही है, जो 1952 में प्रदर्शित उनकी फिल्म लाइटहाउस की है- एक बूढ़े, शराबी विदूषक कॉलवेरो और बैलेरिना नामक एक हताश लड़की की कहानी, जिसे वह बूढ़ा विदूषक आत्महत्या करने से बचाता है।
चौंतीस हजार शब्दों का यह लघु उपन्यास चैप्लिन ने 1948 में तब लिखा था, जब उनका बुरा दौर चल रहा था। चैप्लिन फेडरल ब्यूरो ऑफ इन्वेस्टिगेशन के पहले निदेशक जे एडगर हूवर के निशाने पर थे, जिन्होंने पूरे मध्य अमेरिका को उनके खिलाफ कर दिया था।
एक युवा अभिनेत्री ने उन्हें अपने बच्चे का पिता बताकर उनके खिलाफ मुकदमा दायर कर दिया था। हालांकि चैप्लिन ने इन्कार किया था, लेकिन अदालत ने उन्हें उस बच्चे का पिता करार दिया था। यह उस व्यक्ति के लिए एक बड़ा सदमा था, जो तीस वर्षों तक दुनिया का सबसे प्यारा कलाकार माना जाता था। कॉलवेरो की कहानी के बहाने चैप्लिन ने इस अनुभूति को पुस्तक में दर्ज किया है।
करीब छह दशक से चैप्लिन के आर्काइव में पड़े इस लघु उपन्यास की हस्तलिखित एवं टाइप की हुई पांडुलिपि को समेटकर प्रकाशित कराने का बीड़ा उठाया उनके जीवनीकार डेविड रॉबिन्सन ने। फुटलाइट्स में चैप्लिन के लंदन में बिताए बचपन, संघर्ष एवं प्रथम विश्वयुद्ध की झांकी भी मिलती है।
यह एक ऐसे हास्य कलाकार की कहानी है, जिसे दर्शकों ने भुला दिया है और जिसे प्रेस भी पूर्व कॉमेडियन के रूप में संबोधित करता है, बिल्कुल चैप्लिन की तरह। साथ ही, इस पुस्तक में कलाकार एवं दर्शकों के संबंध और कला के मतलब के बारे में भी बताया गया है।
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