जीबीबीसी
पक्षियों की गणना का वैश्विक कार्यक्रम द ग्रेट बैकयार्ड बर्ड काउंट (जीबीबीसी) आगामी 14 फरवरी से 17 फरवरी तक चलेगा। इस दौरान दुनिया भर के हर उम्र के पक्षी प्रेमी अपने आसपास के इलाकों में मौजूद पक्षियों की गणना कर उसके बारे जानकारियां जीबीबीसी के वेबसाइट पर ऑनलाइन रिकॉर्ड करा पाएंगे।
चूंकि इस वर्ष यह कार्यक्रम वेलेंटाइन दिवस के दिन शुरू हो रहा है, इसलिए पक्षियों के प्रति प्रेम जताने का इससे अच्छा अवसर नहीं हो सकता।
आखिर हमारे आसपास भी विविध तरह के पक्षी रहते ही हैं। वर्ष 1998 से प्रचलित यह कार्यक्रम आम आदमियों को मौका देता है कि वे पक्षी वैज्ञानिकों को पक्षियों के बारे में अनुसंधान करने के लिए सहयोग दें। इस परियोजना की शुरुआत कॉरनेल विश्वविद्यालय के पक्षीविज्ञान प्रयोगशाला एवं नेशनल अडोबॉन सोसाइटी नामक एक अमेरिकी पर्यावरण संगठन ने की थी।
यह आम नागरिकों की वैज्ञानिक गतिविधियों का कार्यक्रम है, जिसके लिए किसी अनुभव या पक्षियों के बारे में गहन जानकारी की जरूरत नहीं है। पिछले वर्ष 111 देशों के नागरिकों ने जीबीबीसी में हिस्सा लिया था, जिसमें भारत से 467 परीक्षण सूची जमा कराई गई थी।
पिछले वर्ष पक्षियों की प्रजातियों के मामले में भारत का स्थान तीसरा था, जहां 544 प्रजाति के पक्षी देखे गए। सबसे ज्यादा प्रजाति (645) मैक्सिको में और उसके बाद अमेरिका (638) में दर्ज की गई। इस कार्यक्रम का फायदा यह होता है
कि पक्षी वैज्ञानिक इन आंकड़ों के आधार पर यह पता लगा पाते हैं कि पक्षियों की आबादी पर जलवायु परिवर्तन का क्या असर पड़ रहा है और किस तरह से दुनिया के विभिन्न हिस्सों में कुछ बीमारियां पक्षियों को प्रभावित कर रही हैं।
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