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Tuesday, 4 February 2014

केंद्रीय उपभोक्ता संरक्षण परिषद (सीसीपीसी)

सीसीपीसी
केंद्रीय मंत्री के वी थॉमस की अध्यक्षता वाली केंद्रीय उपभोक्ता संरक्षण परिषद (सीसीपीसी) ने धोखा देनेवाले विज्ञापनों से निपटने के लिए एक उप समिति बनाने का फैसला किया है, जो नियमित रूप से भ्रामक विज्ञापनों पर निगरानी रखेगी, और कंपनियों के साथ-साथ उत्पाद का विज्ञापन करने वाली सेलिब्रिटी को भी मुआवजा देने के लिए कह सकती है। 

केंद्रीय उपभोक्ता संरक्षण परिषद केंद्र सरकार द्वारा स्थापित निकाय है, जिसका गठन उपभोक्ता संरक्षण अधिनियम, 1986 की धारा चार के तहत किया गया है। इसके अध्यक्ष उपभोक्ता मामलों के मंत्री होते हैं और सरकारी व गैर सरकारी प्रतिनिधि, जिनमें केंद्र एवं राज्य सरकारों, उपभोक्ता संगठनों, एवं बुद्धिजीवी वर्ग के लोग शामिल होते हैं, इसके सदस्य होते हैं।

 सीसीपीसी का उद्देश्य है कि जीवन एवं संपत्ति को नुकसान पहुंचाने वाले उत्पादों एवं सेवाओं के विपणन के खिलाफ उपभोक्ताओं के हितों को संरक्षित किया जाए। उत्पादों की गुणवत्ता, मात्रा, शुद्धता, मानक एवं मूल्य के मामले में उपभोक्ताओं के हितों का संरक्षण सुनिश्चित करना इसका लक्ष्य है। 

अनुचित व्यापारिक कार्यों से उपभोक्ताओं की सुरक्षा के अलावा प्रतियोगी मूल्यों पर वस्तुओं को उपलब्ध कराने की व्यवस्था करना तथा उपभोक्ताओं को जागरूक करने और उचित मंचों (फोरम) पर उनकी बात सुने जाने का भरोसा दिलाने के अलावा अनुचित व्यापारिक व्यवहार एवं उत्पीड़न की स्थिति में उन्हें उचित मुआवजा दिलाना भी इस परिषद का उद्देश्य है।

 केंद्रीय उपभोक्ता संरक्षण परिषद की तरह विभिन्न राज्यों में भी राज्य उपभोक्ता संरक्षण परिषद हैं। देश में उपभोक्ताओं से संबंधित विवादों के निपटारे के लिए जिला, राज्य एवं राष्ट्रीय स्तर पर फोरम एवं आयोग हैं।

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