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Sunday 15 December 2013

पीपीएफ में निवेशकों को मिलता है गारंटीड रिटर्न

पीपीएफ में निवेशकों को मिलता है गारंटीड रिटर्न

डिलिस्टिंग की तरह ही एक शब्द है रिलिस्टिंग। जब कोई कंपनी एक या अनेक कारणों से नियमों का उल्लंघन करने पर डिलिस्ट कर दी जाती है तो उसके बाद वह कंपनी फिर से उन नियमों का पालन करके एक्सचेंज में अपने शेयर फिर से लिस्ट करवा लेती है। इस प्रकार दुबारा सूचीबद्ध हुई कंपनियों के लिए रिलिस्टिंग शब्द का प्रयोग होता है। निवेशकों को इससे लाभ यह होता है कि जिस कंपनी के शेयर महज कागज के टुकड़े रह गए थे उनमें फिर से जान आ जाती है, यानी उन्हें खरीदा-बेचा जा सकता है।


मैंने पीपीएफ में निवेश कर रखा है। हाल ही में नेशनल पेंशन स्कीम (एनपीएस) के बारे में सुना है। पीपीएफ में निवेश के बाद क्या मुझे एनपीएस में निवेश करना चाहिए? यदि हां, तो इसके लिए मुझे क्या करना होगा? इसके फायदे और नुकसान भी बताएं। -अविनाश पांडेय


पीपीएफ और एनपीएस दोनों अलग-अलग तरह की वित्तीय योजनाएं हैं। दोनों योजनाओं का ढांचा और फीचर अलग हैं। दोनों के बीच सबसे बड़ा फर्क गारंटीड रिटर्न का है। पीपीएफ में जहां निवेशक को एक निश्चित रिटर्न की गारंटी दी जाती है, वहीं एनपीएस में निवेशक की रकम इक्विटी और डेट में लगाए जाने के चलते इसका रिटर्न इक्विटी और डेट मार्केट की दशाओं पर निर्भर करता है। हालांकि एनपीएस में निवेशक को पीपीएफ की तुलना में ज्यादा अच्छा रिटर्न मिलने की संभावना होती है। हालांकि इसकी गारंटी नहीं होती। इस तरह पीपीएफ में जहां पूंजी की सुरक्षा पर जोर है, एनपीएस में निवेशकों को अच्छा रिटर्न देने की कोशिश रहती है।

मैंने 2008 में एसबीआई में पीपीएफ अकाउंट खुलवाया था। इसमें 2008 में 1,000 रुपये, 2009 में 1,000 रुपये और 2010 में 10,000 रुपये जमा कराए। उसके बाद मैं इसमें पैसा नहीं जमा करा सका। क्या मुझे अभी यह पैसा वापस मिल सकता है? यदि हां, तो इसके लिए क्या प्रक्रिया अपनानी होगी और यदि नहीं, तो यह पैसा कब वापस मिलेगा? - हरेश

पीपीएफ खाता खुलवाने पर उसमें हर साल कम से कम 500 रुपये जमा कराना जरूरी है। जैसा कि आपने बताया कि आपने केवल तीन साल तक पैसा जमा किया और उसके बाद निवेश को जारी नहीं रख सके। ऐसे में आपका खाता बंद कर दिया गया होगा। आप डिफॉल्ट फीस और हर साल जमा की जाने वाली न्यूनतम रकम जमा करा कर इसे दोबारा चालू करवा सकते हैं।
 पीपीएफ खाते से रकम निकासी के नियमों के मुताबिक खाता खुलवाने के छह साल पूरा होने के बाद चौथे साल तक कुल जमा रकम की 50 फीसदी राशि निकाली जा सकती है। आपने मार्च 2008 में खाता खुलवाया था। इस तरह आप मार्च 2014 के बाद रकम निकाल सकेंगे।

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