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Sunday, 22 December 2013

आरटीजीएस मानक के लिए बैंकों को मोहलत

आरटीजीएस मानक के लिए बैंकों को मोहलत

मुंबई। भारतीय रिजर्व बैंक (आरबीआई) ने बैंकों को आरटीजीएस पेमेंट प्लेटफार्म के तहत ग्राहकों के लिए मैसेजिंग प्रणाली हेतु आईएसओ 20022 स्टैंडर्ड अपनाने के लिए 31 मार्च तक की मोहलत दे दी है।

 आरबीआई ने बैंकों द्वारा आईएसओ 20022 मानकों को पूरा करने की खातिर अपनी प्रणाली को उन्नत करने के लिए रिजर्व बैंक से और समय मांगा था। बैंकों के इस आग्रह पर विचार करते हुए रिजर्व बैंक ने उन्हें इसके लिए 31 मार्च 2014 तक का समय दिया है।

रिजर्व बैंक ने अक्तूबर में बैंकों को लिए मैसेजिंग आरटीजीएस सिस्टम को अपनाना अनिवार्य कर दिया था। साथ ही बैंकों से इसके लिए आईएसओ 20022 स्तर की प्रणाली अपनाने को कहा गया था। इसका उद्देश्य देश के बैंकिंग सेक्टर में अंतरराष्ट्रीय स्तर की मैसेजिंग प्रणाली को लागू करना था।

 आरटीजीएस सिस्टम के तहत किसी बैंक शाखा द्वारा फंड ट्रांसफर किए जाने के साथ ही फंड प्राप्त करने वाली के खाते में राशि आ जाती है। इसके तहत फंड ट्रांसफर मैसेज मिलने के दो घंटे के भीतर बैंकों को फंड ट्रांसफर करना होता है। 

आरटीजीएस के तहत फंड ट्रांसफर की न्यूनतम सीमा 2 लाख रुपये है, जबकि कोई ऊपरी सीमा इसपर लागू नहीं हैं। ज्यादातर बैंक अभी इसे लागू नहीं कर पाए हैं और आरटीजीएस प्रणाली के लिए अपने आईटी सेवा प्रदाताओं के अस्थायी समाधानों पर ही निर्भर हैं। 

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