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Tuesday, 17 December 2013

बाइकल बुश वार्ब्लर

बाइकल बुश वार्ब्लर

असम के डिब्रू-साइखोवा नेशनल पार्क में एक नए पक्षी को खोजा गया है, जो देश के पक्षियों की 1,225वीं प्रजाति है। इस प्रवासी पक्षी का नाम है बाइकल बुश वार्ब्लर और इसे खोजा है तिनसुकिया कॉलेज के भूगोल के शिक्षक रंजन कुमार दास ने। बाइकल बुश वार्ब्लर एक छोटी सी चिड़िया है, जिसकी पूंछ इसी तरह की एक अन्य चिड़िया स्पॉटेड बुश वार्ब्लर से ज्यादा मजबूत है। इसके पंख हलके भूरे जैतूनी रंग के होते हैं और गर्दन भूरी सफेद रंग की होती है। इसका धड़ भूरे रंग का होता है।


इसका जीव वैज्ञानिक नाम लोकुस्टेला डाविडी है। बाइकल बुश वार्ब्लर पक्षी दक्षिणी साइबेरिया, मंगोलिया, चीन के उत्तर-पूर्वी इलाके एवं उत्तरी एवं दक्षिण पूर्वी एशिया में जाड़े के महीनों में प्रजनन करता है। यह पक्षी घनी झाड़ियों में पाया जाता है। इस प्रजाति के पक्षी की एक बड़ी आबादी मौजूद है, इसलिए इसे संवेदनशील या लुप्तप्राय प्रजाति की श्रेणी में नहीं रखा जा सकता है।

 हालांकि इस प्रजाति के पक्षियों की कोई गणना नहीं की गई है, लेकिन इसकी आबादी सामान्य तौर पर स्थिर मानी जाती है। दस वर्षों या तीन पीढ़ियों के दौरान इसकी आबादी में दस फीसदी गिरावट का अनुमान है। यह लंबी दूरी का प्रवासी पक्षी है, जिसके प्रजनन का क्षेत्र भी काफी लंबा है। 

उल्लेखनीय है कि दुनिया भर में पक्षियों की करीब नौ हजार प्रजातियां हैं, जिनमें से अब 1,225 प्रजातियां भारत में उपलब्ध हैं। यह खोज इस मायने में भी उल्लेखनीय है कि अब तक किसी भी भारतीय सूची में इस पक्षी का नाम नहीं था। डिब्रू-साइखोवा नेशनल पार्क, जहां इस पक्षी को देखा गया, वह पूर्वी हिमालयी क्षेत्र में जैव विविधता का प्रमुख केंद्र है। यहां पांच सौ से ज्यादा पक्षियों की प्रजातियां उपलब्ध हैं।

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